मनुष्य बाहर के संघर्ष से नहीं थकता,
वह भीतर की असंतुष्ट इच्छाओं से पराजित होता है।
जो चाह पूरी न हो, वही भीतर चिंगारी बनती है
और वह चिंगारी ही आगे चलकर...
सब कुछ भस्म करती है|
#जय_श्री_कृष्ण
नाम तो आरंभ 'रा' से ही था दोनों का
परंतु अंत ने पहचान बनाई ...
राम ने त्याग कर मर्यादा सिखाई
रावण ने अहंकार से बर्बादी पाई.. ||
#जय_श्री_राम #सत्य #कर्म