Shishir Som (@shishir_som) 's Twitter Profile
Shishir Som

@shishir_som

Writer of more than 15 books on literature, environment and forestry• The Last Secular• the Sane Hindu • Wanderer प्रकृति•प्रेम• जिजीविषा•यायावरी #शिशिरसोमवंशी

ID: 2859048735

linkhttp://shishirkikavitayen.blogspot.in/ calendar_today03-11-2014 16:28:47

41,41K Tweet

6,6K Followers

437 Following

@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

"मैं बीते समय का यायावर बस राहों में सुख पाता हूँ!" * "शिशिर को बस्ती बाँध न पायी चैन मिला वीराने में क्यों न सहरा सहरा भटके जिसे लुभाए जंगल सारा।" ~शिशिर सोमवंशी Shishir Som #यायावरी #Siyaahat #Shair #विश्व_पर्यटन_दिवस #WorldTourismDay

"मैं बीते समय का यायावर 
बस राहों में सुख पाता हूँ!"
*
"शिशिर को बस्ती बाँध न पायी
चैन मिला वीराने में 
क्यों न सहरा सहरा भटके
जिसे लुभाए जंगल सारा।"

~शिशिर सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 
#यायावरी
#Siyaahat #Shair 
#विश्व_पर्यटन_दिवस
#WorldTourismDay
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

पुष्पक पर झूठ उड़े कब तक इक दिन धरती पर आना था सच भालू वानर भी समझे मिथ्या का कारोबार गया। : भय और छल का आलम्बन तन्त्र,मन्त्र और सम्मोहन चरणों के नीचे शनि का मर्दन सब व्यर्थ हुआ बेकार गया। दश आनन वाला हार गया वनवासी बाज़ी मार गया। #शिशिर_सोमवंशी #विजयाद‌शमी #दशहरा की शुभकामनाएं

पुष्पक पर झूठ उड़े कब तक
इक दिन धरती पर आना था
सच भालू वानर भी समझे
मिथ्या का कारोबार गया।
:
भय और छल का आलम्बन
तन्त्र,मन्त्र और सम्मोहन
चरणों के नीचे शनि का मर्दन
सब व्यर्थ हुआ बेकार गया।

दश आनन वाला हार गया
वनवासी बाज़ी मार गया।
#शिशिर_सोमवंशी
#विजयाद‌शमी #दशहरा
की शुभकामनाएं
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

मन की पीर दबा कर मन में सिले हुये अधरों पर मैंने जो मुस्कान सजायी है। मेरी लोग समझते जिसको मुझको लगे परायी है। #शिशिर_सोमवंशी Shishir Som #विश्व_मुस्कान_दिवस #WorldSmileDay

मन की पीर 
दबा कर मन में
सिले हुये 
अधरों पर मैंने
जो मुस्कान सजायी है। 
मेरी लोग 
समझते जिसको 
मुझको लगे परायी है।

#शिशिर_सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 
#विश्व_मुस्कान_दिवस 
#WorldSmileDay
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

इस रहगुज़र से गुज़रो इतना ख़याल करना कुछ पेड़ कट गये थे इस रास्ते की ख़ातिर #शिशिर_सोमवंशी Shishir Som #Khayaal #Shair

इस रहगुज़र से गुज़रो इतना ख़याल करना 
कुछ पेड़ कट गये थे इस रास्ते की ख़ातिर 

#शिशिर_सोमवंशी 
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 
#Khayaal #Shair
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

....रात्रि में जब बड़ा सा चाँद धरती के सबसे निकट होगा, मैं चुपचाप छत पर जा कर उसे ऊँगली से छू कर देखूँगा... #शिशिरसोमवंशी Shishir Som #शरद_पूर्णिमा की शुभकामनाएं 💐↕️

....रात्रि में जब
बड़ा सा चाँद
धरती के सबसे
निकट होगा,
मैं चुपचाप
छत पर जा कर 
उसे ऊँगली से
छू कर देखूँगा...

#शिशिरसोमवंशी 
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 

#शरद_पूर्णिमा की शुभकामनाएं 💐↕️
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

#मोड़ कल्पना के उस मोड़ के पार.. जहाँ तुम नहीं साथ दिखते कुछ नहीं शेष रहता न धरती न अम्बर .. न सागर शून्य में वायु भी तो नहीं बचती- फिर क्यों इतनी सघन होती है शून्यता? ~शिशिर सोमवंशी Shishir Som

#मोड़ 

कल्पना के 
उस मोड़ के पार..
जहाँ तुम नहीं 
साथ दिखते
कुछ नहीं शेष रहता
न धरती 
न अम्बर ..
न सागर
शून्य में 
वायु भी तो 
नहीं बचती-
फिर क्यों इतनी
सघन होती है शून्यता? 

~शिशिर सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a>
Shishir Som (@shishir_som) 's Twitter Profile Photo

रस के लिये ************** जो देख रहा है वह जानता है, मंच पर अपनी जान झोंक कर भी कलाकार घटिया अभिनय कर रहे हैं, नाटक ख़त्म होने पर तालियाँ बजा देता है शिष्टाचार में। जैसे टिकट ख़रीद कर थियेटर में गया व्यक्ति, मध्यांतर तक यह रहस्य जान कर भी कि हत्या किस किरदार

रस के लिये 
**************
जो देख रहा है 
वह जानता है,
मंच पर 
अपनी जान 
झोंक कर भी 
कलाकार 
घटिया अभिनय 
कर रहे हैं,
नाटक ख़त्म 
होने पर 
तालियाँ बजा 
देता है 
शिष्टाचार में। 

जैसे टिकट 
ख़रीद कर 
थियेटर में 
गया व्यक्ति,
मध्यांतर तक 
यह रहस्य 
जान कर भी 
कि हत्या 
किस किरदार
Shishir Som (@shishir_som) 's Twitter Profile Photo

आज सुबह ऐसा लगता है- धूमिल आशाओं का आँगन बुहरा, सुथरा नम होगा । ढाँढस के दिन होंगे आगे कुछ दिन कुछ संयम होगा। आज रात उतरेगी लेकिन- हर देहरी पर दीप की लौ में मन का तम कुछ कम होगा। बिना कहे बीते मौसम का बिन दस्तक आगम होगा । *************** #शिशिरसोमवंशी #शुभ_दीपावली

@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

आज सुबह ऐसा लगता है- धूमिल आशाओं का आँगन बुहरा, सुथरा नम होगा । ढाँढस के दिन होंगे आगे कुछ दिन कुछ संयम होगा। आज रात उतरेगी लेकिन- हर देहरी पर दीप की लौ में मन का तम कुछ कम होगा। बिना कहे बीते मौसम का बिन दस्तक आगम होगा । #शिशिर_सोमवंशी Shishir Som #शुभ_दीपावली

आज सुबह 
ऐसा लगता है-
धूमिल आशाओं 
का आँगन 
बुहरा, सुथरा
नम होगा ।
ढाँढस के 
दिन होंगे आगे 
कुछ दिन 
कुछ संयम होगा।

आज रात 
उतरेगी लेकिन-
हर देहरी पर 
दीप की लौ में 
मन का तम 
कुछ कम होगा।
बिना कहे 
बीते मौसम का 
बिन दस्तक 
आगम होगा ।

#शिशिर_सोमवंशी 
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a>
#शुभ_दीपावली
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

सर्दियों का ठिठुरता सूरज हूँ तुम हथेलियों में थाम लो मुझको भीड़ में गुम हुआ वजूद मेरा अब कोई नया नाम दो मुझको #शिशिर_सोमवंशी Shishir Som #Naya #Shair

सर्दियों का ठिठुरता सूरज हूँ 
तुम हथेलियों में थाम लो मुझको 
भीड़ में गुम हुआ वजूद मेरा 
अब कोई नया नाम दो मुझको 

#शिशिर_सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 
#Naya #Shair
Sanjeev Paliwal/संजीव पालीवाल (@sanjeevpaliwal) 's Twitter Profile Photo

पहला प्यार क्लास में वो नई नई आई थी नौवीं कक्षा के ए सेक्शन में पचास बच्चों में छ: लड़कियाँ थी सरकारी स्कूलों में अस्सी के दशक में ऐसी ही हालात थी बेटी पढ़ाओ वाले नेता नहीं थे तब के माँ बाप भी बेटी के जल्दी ब्याह के पक्षधर थे ! ख़ैर अपने क्लास का माहौल अचानक एक दम बदल गया

@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

वक़्त में इस क़दर उलझ गया हूँ मैं। ख़ुद से ख़ुद का सिरा मिलता नहीं। ~शिशिर सोमवंशी Shishir Som #MeriPasand #Shair

वक़्त में इस क़दर उलझ गया हूँ मैं। 
ख़ुद से ख़ुद का सिरा मिलता नहीं। 

~शिशिर सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a>
#MeriPasand #Shair
Shishir Som (@shishir_som) 's Twitter Profile Photo

जन्मदिन विशेष: प्रताप सोमवंशी/Pratap Somvanshi/پرتاپ سوموانشی “इतवार छोटा पड़ गया” से शायरी और “लोई” से गद्य को समृद्ध करने वाले लेखक और अग्रज 🙏🏻💐🙏🏻

Shishir Som (@shishir_som) 's Twitter Profile Photo

होता है … ************ पहले भी होता रहा है प्रथम नहीं हो तुम ही हृदय जीतने की इच्छा में जो जीवन हारा प्यार में । ये भी हुआ उनके हिस्से ही निधियाँ सब आयीं यहाँ उपहार में, कुछ कमी नहीं थी जिनके कभी भंडार में। मैं तुम्हारा निर्णय तुम्ही पर छोड़ता हूँ मगर माँगते

होता है …
************
पहले भी 
होता रहा है 
प्रथम नहीं हो 
तुम ही 
हृदय जीतने 
की इच्छा में 
जो जीवन हारा 
प्यार में ।

ये भी हुआ 
उनके हिस्से ही 
निधियाँ सब 
आयीं यहाँ 
उपहार में,
कुछ कमी 
नहीं थी जिनके 
कभी भंडार में।

मैं तुम्हारा 
निर्णय तुम्ही पर 
छोड़ता हूँ मगर 
माँगते
@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

ख़ुशनसीब हो के तुम्हें नींद आ रही है शिशिर इधर हम को तुम्हारे ख़्वाब भर को नींद नहीं #शिशिर_सोमवंशी Shishir Som #Neend #Shair

ख़ुशनसीब हो के तुम्हें नींद आ रही है शिशिर 
इधर हम को तुम्हारे ख़्वाब भर को नींद नहीं 

#शिशिर_सोमवंशी
<a href="/Shishir_Som/">Shishir Som</a> 
#Neend #Shair