टुकड़े टुकड़े कर संयम के सारे सार हिला देती है
तन को झंकृत कर देती है, मन के तार हिला देती है
नन्हे नन्हे फूल प्यार के रोज शाम को खिलते हैं पर
हवा रात को अंगनाई का हरसिंगार हिला देती है
यार को मैंने
मुझे यार ने
सोने ना दिया
बस प्यार ही प्यार
किया मुझे प्यार ने
सोने ना दिया
उस कि चुड़ियों कि खनक
वो उसकी बिंदिया कि चमक
हाय उस ने भी
क्या क्या
कयामत ढाई
हाय कजरे कि भरी रफ्तार
ने सोने ना दिया
बस प्यार ही प्यार
किया
मुझे प्यार ने सोने ना दिया
♥️♥️♥️
जाने की जल्दी में लोग
अक्सर भूल जाते हैं
सब-कुछ कहाँ
ठीक से बंद कर पाते हैं.....
कभी कोई खिड़की उम्मीद की
तो कभी कोई दरवाज़ा इंतज़ार का
ज़रा-सा खुला छोड़ ही जाते हैं.....!!🖤🌻