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इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK Delhi)

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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे..

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डीआरडीओ ने उन्नत यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिज़न गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया विस्तृत जानकारी इस लिंक पर vskbharat.com/drdo-successfu…

डीआरडीओ ने उन्नत यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिज़न गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया

विस्तृत जानकारी इस लिंक पर 

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तिथि (उज्जैन) - 26 जुलाई 2025, शनिवार शुक्ल पक्ष द्वितीया सूर्योदय - 05:59 AM सूर्यास्त - 07:07 PM विक्रम संवत - 2082, प्रमादी शक संवत - 1947, शुभानुनंद युगाब्द - 5127, कलियुग

तिथि (उज्जैन) -
26 जुलाई 2025, शनिवार
शुक्ल पक्ष द्वितीया

सूर्योदय - 05:59 AM
सूर्यास्त - 07:07 PM

विक्रम संवत - 2082, प्रमादी
शक संवत - 1947, शुभानुनंद
युगाब्द - 5127, कलियुग
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विदेशी श्रद्धालुओं ने श्री अमरनाथ यात्रा के अनुभव को बताया बेहद अद्भुत, कहा- सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है पवित्र गुफा

विदेशी श्रद्धालुओं ने श्री अमरनाथ यात्रा के अनुभव को बताया बेहद अद्भुत, कहा- सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है पवित्र गुफा
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तिथि (उज्जैन) - 27 जुलाई 2025, रविवार शुक्ल पक्ष तृतीया सूर्योदय - 05:59 AM सूर्यास्त - 07:07 PM विक्रम संवत - 2082, प्रमादी शक संवत - 1947, शुभानुनंद युगाब्द - 5127, कलियुग

तिथि (उज्जैन) -
27 जुलाई 2025, रविवार
शुक्ल पक्ष तृतीया

सूर्योदय - 05:59 AM
सूर्यास्त - 07:07 PM

विक्रम संवत - 2082, प्रमादी
शक संवत - 1947, शुभानुनंद
युगाब्द - 5127, कलियुग
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"हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है ये छोड़ के संघ में सब बदल सकता है" हम किसी किताब या व्यक्ति का अंध समर्थक नहीं बनेंगे, हमें परिस्थितियों के अनुसार अपना मार्ग निकलना है सुनिए साक्षात्कार का एक अंश (शताब्दी वर्ष साक्षात्कार, मई 2025) #IvskonMohanbhagwat ji

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तिथि (उज्जैन) - 28 जुलाई 2025, सोमवार शुक्ल पक्ष चतुर्थी सूर्योदय - 06:00 AM सूर्यास्त - 07:06 PM विक्रम संवत - 2082, प्रमादी शक संवत - 1947, शुभानुनंद युगाब्द - 5127, कलियुग

तिथि (उज्जैन) -

28 जुलाई 2025, सोमवार
शुक्ल पक्ष चतुर्थी

सूर्योदय - 06:00 AM
सूर्यास्त - 07:06 PM

विक्रम संवत - 2082, प्रमादी
शक संवत - 1947, शुभानुनंद
युगाब्द - 5127, कलियुग
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"अपने यहाँ राजसत्ता के द्वारा कभी भी परिवर्तन हुआ नहीं, कभी होता भी नहीं। इसीलिए डाक्टर जी ने केवल अंग्रेजों को हटाने अर्थातू राजसत्ता बदलने को अधिक महत्त्व नहीं दिया। उन्होंने अपने पुराने ढाँचे पर एक नई पद्धति की रचना करके मार्ग भी बताया।" - श्री गुरूजी #IVSKonGuruJi

"अपने यहाँ राजसत्ता के द्वारा कभी भी परिवर्तन हुआ नहीं, कभी होता भी नहीं। इसीलिए डाक्टर जी ने केवल अंग्रेजों को हटाने अर्थातू राजसत्ता बदलने को अधिक महत्त्व नहीं दिया। उन्होंने अपने पुराने ढाँचे पर एक नई पद्धति की रचना करके मार्ग भी बताया।"

- श्री गुरूजी 
#IVSKonGuruJi
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भारत का नाम किसी भी भाषा में भारत ही होना चाहिए इसका ट्रांसलेशन नहीं हो सकता, यह प्रॉपर नाउन है। "भारत के शिक्षा में भारतीयता होने चाहिए" - डॉ मोहन भागवत जी, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य का चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व का समग्र विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी अब हमें सोने की चिड़िया नहीं, भारत को सोने का शेर बनाना है - राजेंद्र अर्लेकर जी पूरी खबर इस लिंक पर vskbharat.com/the-aim-of-edu…

शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य का चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व का समग्र विकास है – डॉ. मोहन भागवत जी 

अब हमें सोने की चिड़िया नहीं, भारत को सोने का शेर बनाना है - राजेंद्र अर्लेकर जी

पूरी खबर इस लिंक पर 
vskbharat.com/the-aim-of-edu…
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#OperationMahadev ऑपरेशन महादेव जारी है पहलगांव हमले में शामिल तीन आतंकी मारे गए है #OperationSindoor

#OperationMahadev 

ऑपरेशन महादेव जारी है

पहलगांव हमले में शामिल तीन आतंकी मारे गए है

#OperationSindoor
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भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन महादेव’: श्रीनगर के पास लिडवास में हुआ एनकाउंटर , भारतीय सेना ने TRF के तीन आतंकियों को किया ढेर

भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन महादेव’:  श्रीनगर के पास लिडवास में  हुआ एनकाउंटर , भारतीय सेना ने  TRF के तीन आतंकियों को किया ढेर
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"हमको भारत को भारत ही कहना चाहिए" - डॉ मोहन भागवत जी, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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धर्म का मतलब रिलिजन नहीं है, पूजा पाठ खान-पान धर्म का छोटा सा हिस्सा है। भगवान तक पहुंचना धर्म है, उसके कई मार्ग हो सकते है। डॉ मोहन भागवत जी, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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तिथि (उज्जैन) - 29 जुलाई 2025, मंगलवार शुक्ल पक्ष पंचमी सूर्योदय - 06:00 AM सूर्यास्त - 07:05 PM विक्रम संवत - 2082, प्रमादी शक संवत - 1947, शुभानुनंद युगाब्द - 5127, कलियुग पूर्णिमांत - श्रावण अमांत - आषाढ़ व्रत - नाग पंचमी

तिथि (उज्जैन) -
29 जुलाई 2025, मंगलवार
शुक्ल पक्ष पंचमी

सूर्योदय - 06:00 AM
सूर्यास्त - 07:05 PM

विक्रम संवत - 2082, प्रमादी
शक संवत - 1947, शुभानुनंद
युगाब्द - 5127, कलियुग

पूर्णिमांत - श्रावण
अमांत - आषाढ़

व्रत - नाग पंचमी
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हम अपनी इस मातृभूमि को आराध्य के रूप में मानते हैं, जो हिंदुस्थान के नाम से जानी जाती है। हिंदुस्थान कहने से जो अर्थ निकलता है, उससे भयभीत होकर कुछ लोग अन्य नामों से पुकारने लगे हैं। इसकी सीमाएँ जहाँ तक थीं, जितनी थीं, आज उतनी नहीं हैं। किसी भी देश की सीमा समाज के चैतन्य, उसके

हम अपनी इस मातृभूमि को आराध्य के रूप में मानते हैं, जो हिंदुस्थान के नाम से जानी जाती है। हिंदुस्थान कहने से जो अर्थ निकलता है, उससे भयभीत होकर कुछ लोग अन्य नामों से पुकारने लगे हैं।

इसकी सीमाएँ जहाँ तक थीं, जितनी थीं, आज उतनी नहीं हैं। किसी भी देश की सीमा समाज के चैतन्य, उसके