#श्रीरामचरितमानस🙏🚩
#अयोध्याकाण्ड
अस बिचारि सोइ करहु जो भावा। राम जननि सिख सुनि सुखु पावा॥
भूपहि बचन बानसम लागे। करहिं न प्रान पयान अभागे॥
ऐसा विचारकर जो तुम्हें अच्छा लगे वही करो। माता की सीख सुनकर श्री रामचन्द्रजी ने (बड़ा) सुख पाया, परन्तु राजा को ये वचन बाण के
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🪷 ༺꧁ श्री गणेशाय नम: ꧂༻🪷
🌷 हे मेरे नाथ, मैं आपको भूलूँ नहीं...🌷
🧞♀️ चलो रे मन श्री वृंदावन धाम....🧞♀️🧞♀️
कर्म वहीं करो, जिसमें आपकी इच्छा भी हो और कुशलता भी।। दबाव में किया गया कोई भी कर्म शरीर, मन और समय तीनों को बरबाद कर देता हैं।
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ध्यान
है सुंदरी आप अप्रतिम सुंदर हो शायद यदि आप पलट कर देख लेती तो सैकड़ो लोग मुर्छित हो सकते है हजारों लोग अपलक दृष्टि से आपकों निहारते रह जाते और लाखों लोग आपकी सुंदरता को परिभाषित करने के लिए शब्द ढूढ़ने निकल पड़ते ✌️
आज कल के खान पान और पर्यावरण में बदलाव के कारण मनुष्य के साथ साथ पशु भी हिंसक और आक्रामक हो रहे हैं।
अपने बच्चों को प्रयास करें अकेले खेलने न भेजें नहीं तो इस तरह के हादसे हो सकते है।
आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद की रोकथाम बहुत जरूरी है,नहीं तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है।
वो बोला
सब जवानी की कहानी हैं,
हर दिल तसव्वुर में उलझा है।
मैं मुस्करायी —
"जब आईना जवाब दे जाए,
जब आँखों का तेज बह जाए,
जवानी तुम्हारी ढल जाए
तब आना।"
क्योंकि तब,
मैं बूढ़ी हो चुकी उंगलियों से
काँपता हाथ थाम लूंगी,
थक चुकी आँखों में भी
सवेरा ढूंढ लूंगी(1)
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#खुशी पूर्णिमा के चाँद सी चमकी ,
पर मन तो अमावस ही बना रहा....।
ग्रहण सा कुछ हृदय के भीतर था ,
चांदनी के उजाले में भी जो दबा ही रहा।
#श्रुति
धूप थकी हो जब शाम के आँचल में,
तब चाय सुकून देती है अपने आँगन में।
हर घूंट में कुछ किस्से पुराने से होते हैं,
कुछ तेरे, कुछ मेरे सुर्ख़ लम्हों से होते हैं।
तन्हाई भी मुस्कुरा उठती है उसकी ख़ुशबू में,
शायद चाय ही है जो वक़्त को थाम लेती है इशारों में।।
शुभ संध्या 😊🙏☕
#श्रुति