Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile
Shakeel Akhtar

@shakeelnbt

Journalist, Commentator on current affairs.
Former Political Editor and Chief of Bureau
Navbharat Times

ID: 1201108172

calendar_today20-02-2013 13:48:19

33,33K Tweet

40,40K Followers

177 Following

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

सुना है कुछ कांग्रेस के नेताओं ने विश नहीं किया! होता है! ऐसा ही होता है जब आदमी का रुतबा बढ़ता है तो घर के ही वे लोग जो गिराना चाहते हैं और इन्फियरटी काम्प्लेक्स में आ जाते हैं। नहीं कर पाते। मगर बाहर के लोग खूब करते हैं। प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के सभी बड़े नेता विपक्ष

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

अंग्रेजी बोलने में शर्म आएगी! यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा लोहिया ने अंग्रेजी हटाओ आंदोलन शुरू करके भारत को कई साल पीछे धकेल दिया था।

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

अंग्रेजी बोलने में आए या न आए ... मगर देश को देस और शर्म को सर्म सुनने में कैसा लग रहा है?

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

कपिल सिब्बल एक दिन बाजार गए। रोजमर्रा की सारी जरूरत की चीजों के भाव एक कागज पर लिखकर लाए। वाजपेयी की सरकार थी। महंगाई कम करने के दावे कर रही थी। सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कागज दिखाया। बड़ी खबर बनी। प्रभाव उससे भी ज्यादा पड़ा। ‌ फैक्ट थे। इन दिनों कांग्रेस ऐसे ही कोई

कपिल सिब्बल एक दिन बाजार गए।

रोजमर्रा की सारी जरूरत की चीजों के भाव एक कागज पर लिखकर लाए।

वाजपेयी की सरकार थी। महंगाई कम करने के दावे कर रही थी। 

सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कागज दिखाया।

बड़ी खबर बनी। 
प्रभाव उससे भी ज्यादा पड़ा। ‌
फैक्ट थे।

इन दिनों कांग्रेस ऐसे ही कोई
Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

बहुत मोटी मोटी बातें हैं। जनता की बात इसके बाद आएगी पहले क्या कांग्रेसियों के समझ में आ रहा है? लगातार नए सिरे से लिखा जा रहा है बताया जा रहा है कि राहुल कांग्रेस पर बोझ हैं। यह लिखने वाले सब आरएसएस बीजेपी के लोग हैं जो कांग्रेस के हमदर्द बनाकर लिख रहे हैं कि वह कैसे सरवाइव

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

क्या रूस और चीन चुप बैठेंगे? अमेरिका के सीधे ईरान पर हमला करने के बाद अरब मुल्कों से जबानी जमा खर्च के अलावा और कोई उम्मीद नहीं है। हां पाकिस्तान को जरूर सबसे ज्यादा मुश्किल में डाल दिया है। ट्रम्प को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करने वाला पाकिस्तान अब इस हमले को

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

हजारों किलोमीटर दूर जाकर दूसरे देशों से युद्ध केवल अमेरिका करता है। ‌ और हर बार बुरी तरह मुंह की खाता है। कोरिया वियतनाम अफगानिस्तान हर जगह भारी नुकसान उठाने के बाद उसे वापस आना पड़ा। अब उसने ईरान पर हमला इस आधार पर किया है कि वह परमाणु बम बना रहा है! इसराइल के पास परमाणु

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

अंग्रेजी का बहुत प्रसिद्ध मुहावरा है नो फ्री लंच no free lunch! मगर लंच की कीमत इतनी जल्दी चुकाना पड़ती है यह शायद पाकिस्तान को मालूम नहीं था। पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच कराने के साथ ही उनके एयरबेस का इस्तेमाल शुरू हो गया। ईरान पर अमेरिका के

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

डिग्री कहीं से भी मिल सकती थी! चिराग पासवान बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी पहुंच गए थे। हमने तेजस्वी को नेशनल स्टेडियम दिल्ली में नेट पर प्रैक्टिस करते देखा है। बहुत अच्छे बैट्समैन थे। क्रिकेट ही उनका पैशन था। वह टैलेंट सामान्य 10th, 10 + 2, ग्रेजुएशन की डिग्रियां आराम से ले

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

दलितों के पास अम्बेडकर थे। उन्होंने बहुत तरक्की की। ओबीसी आदिवासियों के पास इतना प्रेरणादायक नेतृत्व नहीं था। अपेक्षाकृत उनकी शिक्षा और आगे बढ़ने के रास्ते कम रहे। बाद में इन्होंने भी अंबेडकर को माना और फिर ज्यादा आगे बढ़े। अब अंबेडकर को छोटा करने की कोशिश की जा रही है।

दलितों के पास अम्बेडकर थे।
उन्होंने बहुत तरक्की की।

ओबीसी आदिवासियों के पास इतना प्रेरणादायक  नेतृत्व नहीं था।

अपेक्षाकृत उनकी शिक्षा और आगे बढ़ने के रास्ते कम रहे। 
बाद में इन्होंने भी अंबेडकर को माना और फिर ज्यादा आगे बढ़े।

अब अंबेडकर को छोटा  करने की कोशिश की जा रही है।
Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

यह सीधा अमेरिका को जवाब है! ट्रंप और नेतन्याहू ज्यादा स्मार्ट खेल गए। ईरान नेतृत्व विहीन गजा नहीं था। खेमेनेई ने गजब का नेतृत्व दिखाया। ईरान की जो स्ट्रेन्थ थी उससे 10 गुना ज्यादा ताकत से वे लड़ रहे हैं। कतर में अमेरिका के सैनिक अड्डे पर हमला करके उन्होंने रूस और चीन को भी

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

कांग्रेस है किसी को भी बना सकती है! मगर गुजरात के कार्यकर्ताओं से अगर पूछा जाएगा तो एक ही नाम लेंगे जो संगठन का काम जानता है और कांग्रेस को फिर से खड़ा कर सकता है। भरत सिंह सोलंकी। शक्ति सिंह गोहिल की वफादारी में कोई शक नहीं है। मगर संगठन में उत्साह भरने के लिए जो मेहनत और

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

युद्ध विराम की खबर हमेशा अच्छी होती है। मगर सिर्फ इजराइल और ईरान में ही या इजराइल और गजा में भी! मूल मुद्दा तो गजा में इजरायल द्वारा किया जा रहा नरसंहार था। जो रोकने के बात पूरी दुनिया कर रही थी लेकिन अमेरिका और इजराइल तैयार नहीं थे। मध्य पूर्व और पूरी दुनिया में शांति क्या

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

नेता कैसा होता है अब दुनिया में लंबे समय तक अली खामनेई की मिसाल दी जाएगी। अपनी शक्ति भर तो सब लड़ते हैं। मगर अपनी शक्ति से ज्यादा लड़ जाने वाले को ही लीडर कहा जाता है। दूसरी बात आपका मुख्य उद्देश्य क्या है? अपने देश की रक्षा करना उसके सम्मान को बनाए रखना या युद्ध जैसे सबसे

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

चीन ने एक लिस्ट जारी की है कि सैंकड वर्ल्ड वार के बाद अमेरिका ने अभी तक कितने देशों पर बम गिराए हैं। उसमें खुद उसका नाम है मगर भारत का नहीं! वह गिरा नहीं पाया था। नेतृत्व इंदिरा गांधी का था। अमेरिका उस समय के सबसे आधुनिक हथियारों युद्धक विमानों और बमों से लदा सातवां समुद्री

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

एक अटैक इजरायल पर भी! ईरान पर अमेरिका ने इसीलिए किया था वह इजरायल पर हमले नहीं रोक रहा था। अब ट्रंप के कहने के बाद अगर इजरायल नहीं रोक रहा है तो एक सबक उसको भी। वैसे ही ट्वीट के साथ बम गिराए हैं और अब जहाज वापस लौट रहे हैं! सारे पाप धुल जाएंगे!

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

दुनिया नेतृत्व क्षमता को ही सलाम करती है। ट्रंप गाली भी दे रहे हैं मगर उन पर सवाल उठाने की किसी की हिम्मत नहीं है। ईरान के अली खमेनेई का मामला उल्टा है लोग पहले उन्हें गालियां दे रहे थे आज सलाम कर रहे हैं। दुनिया में कोई भी कभी भी साहस के साथ खड़ा होता है तो सही और गलत का

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

जो हमारा युद्ध विराम हुआ उसका फायदा किसको हुआ? ट्रंप को और पाकिस्तान को। और हमारा क्या हुआ? हमारी सेना जिसने निर्णायक बढ़त बनाई थी वह अचानक हुए सीजफायर से हतप्रभ रह गई। युद्ध विराम के लिए मानने का मतलब होता है कि हमने कुछ हासिल किया है। मगर यहां क्या? पूरा देश, सेना, खुद