सिर्फ़ घुटन कम कर जाते हैं
सब तूफ़ान उतर जाते हैं
ये कुछ देर को मिलने वाले
कितना तन्हा कर जाते हैं
वक़्त कहाँ आगे बढ़ता है
हाँ हम लोग गुज़र जाते हैं
उस के भरोसे जीने वाले
कितने सुकूँ से मर जाते हैं
#शारिक_कैफ़ी
रेत पे नक़्श बनाते हुए थक जाते हैं
ख़्वाब आँखों में सजाते हुए थक जाते हैं...
यूँ ही क़ब्रों में नहीं सोए थके हारे बदन
लोग दुनिया से निभाते हुए थक जाते हैं...
ज़िंदगी प्यास का सहरा है जहाँ क़ैद हैं हम
और हम प्यास बुझाते हुए थक जाते हैं...
#मुबारक_सिद्दीक़ी