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Shubham Pal

@voice_shubham

राजनीति और साहित्य का विद्यार्थी 🍁
Ambedkrite || Anti - Elitist

|| All. University ||

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calendar_today02-06-2020 04:52:13

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गुरुदेव स्वर्गीय श्री कार्ल मार्क्स को गुरुपूर्णिमा पर नमन। चरणवन्दन। 🌻🙏

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‘एक क़िस्सा रोज़’ में आज के साहित्यकार हैं- मुक्तिबोध ••• ‘कामायनी : एक पुनर्विचार’ को छापने के लिए एक पुस्तक विक्रेता मित्र शेषनारायण राय राजी हो गए थे। वे पेशे से प्रकाशक नहीं थे। पैसा लगा देने को तैयार थे। मुक्तिबोध जी पर उनकी श्रद्धा थी। तब मुक्तिबोध को कोई प्रकाशक ↓

Vivek Shukla (@vivek_uoa) 's Twitter Profile Photo

विदेशी भाषाओं से हिंदी में अनूदित शीर्ष 5 उपन्यास —- 1. माँ- मक्सिम गोर्की 2. अन्ना कारेनिना- लियो टॉलस्टॉय 3. एनिमल फार्म- जॉर्ज ऑरवेल 4. एकांत के सौ साल- मार्केज़ 5. द ओल्ड मैन एंड द सी (बुज़ुर्ग और समुद्र)- अर्नेस्ट हेमिंग्वे ( नोट- इस सूची का क्रम मेरी पसंद के अनुरूप है )

बसावन इंडिया (@basavanindia) 's Twitter Profile Photo

बरेली के शिक्षक रजनीश गंगवार ने अपनी कविता “तुम कांवड़ लेने मत जाना… ज्ञान का दीप जलाना” के माध्यम से छात्रों को शिक्षा की ओर प्रेरित किया लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस प्रेरणादायक संदेश को "अपराध" मान लिया अब उन पर एफ़आईआर दर्ज कर लिया गया है! रजनीश गंगवार का कहना है कि

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‘एक क़िस्सा रोज़’ में आज की साहित्यकार हैं- महादेवी वर्मा ••• इलाहाबाद विश्वविद्यालय और महादेवी वर्मा से जुड़ा यह क़िस्सा वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जी ने अपने संस्मरण ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ में साझा किया है। लंबा होने की वजह से यहाँ सीधे तस्वीर डालना ही उचित लगा—-

‘एक क़िस्सा रोज़’ में आज की साहित्यकार हैं- महादेवी वर्मा
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय और महादेवी वर्मा से जुड़ा यह क़िस्सा वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जी ने अपने संस्मरण ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ में साझा किया है। लंबा होने की वजह से यहाँ सीधे तस्वीर डालना ही उचित लगा—-
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‘एक क़िस्सा रोज़’ में आज के साहित्यकार हैं- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ••• नागरीप्रचारिणी सभा का वार्षिकोत्सव था। निराला जी को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया था। सुनने वालों में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे। निराला जी ने ‘राम की शक्ति पूजा’ का पाठ शुरू किया। थोड़ी देर बाद ↓

Suraj Kumar Bauddh (@surajkrbauddh) 's Twitter Profile Photo

भगवान बुद्ध के पवित्र धरोहरों की घर वापसी! दोस्तों, यह हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष, उल्लास और आनंद का विषय है कि आज भारत सरकार ने 127 साल बाद भगवान बुद्ध के पवित्र रत्न अवशेषों को ब्रिटेन से ससम्मान भारत वापस ले आया है। ज्ञात हो कि ये अवशेष सन् 1898 में ब्रिटिश अधिकारी विलियम

भगवान बुद्ध के पवित्र धरोहरों की घर वापसी!

दोस्तों, यह हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष, उल्लास और आनंद का विषय है कि आज भारत सरकार ने 127 साल बाद भगवान बुद्ध के पवित्र रत्न अवशेषों को ब्रिटेन से ससम्मान भारत वापस ले आया है।

ज्ञात हो कि ये अवशेष सन् 1898 में ब्रिटिश अधिकारी विलियम